बुधवार, 3 दिसंबर 2008

शुक्रिया, अमर उजाला का ब्लाग कोना पढ़ें...

वास्तव में उत्साहित हूं। ब्लागिंग के शुरूआती दौर में ही नेता माने ताने शीर्षक से लिखी मेरी पोस्ट के प्रमुख अंशों को अमर उजाला ने 4 दिसंबर के ब्लाग कोना में जगह दी है। इस क्षेत्र में चूंकि नया हूं। न तो ब्लागिंग के बारे में ज्यादा जानता हूं और न ही ब्लाग पर धड़ाधड़ और तार्किक ढंग से लिखने वाले लेखकों को। ऐसे में अमर उजाला के प्रोत्साहन ने हौसला और बढ़ा दिया है। फिर से लगने लगा है कि सम-सामयिक मुद्दों पर विचारों को विस्तार दिया जाए। विचार सांझे किए जाएं। न जाने कब कौन सा विचार बड़े फैसले का कारण बन जाए। एक बार फिर अमर उजाला का आभार। साथ ही विनती कि आज का अमर उजाला जरूर पढ़ें।

8 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

तो आपने भी तीर मार लिया मिसिर जी. धन्य हुए.

बेनामी ने कहा…

आपको यह जानकर और अधिक प्रसन्‍नता होगी कि अन्‍य अखबार भी ऐसा करते हैं । कठिनाई यह है कि कोई भी अखबार, सम्‍बन्धित ब्‍लागीये को, सम्‍बन्धित अंक की प्रति नहीं भेजता ।
'अमर उजाला' के गोरखुपर संस्‍करण में, मेरी भी एक पोस्‍ट छपी थी । यह संयोग ही था कि मेरा एक परिचित परिवार उन दिनों वहां निवास कर रहा था से मुझे मेरी पोस्‍ट की कटिंग मिल गई ।
आपको बधाइयां और अभिनन्‍दन ।
शुभ-कामनाएं भी ।

बेनामी ने कहा…

bahut badhai

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

आपको बधाइयां और अभिनन्‍दन ।

बेनामी ने कहा…

बधाई।
जहां पर अमर उजाला में निला है उसे स्कैन कर डालें या फिर लिंक दें। क्योंकि ऐसा हो सकता है कि किसी पढ़ने के लिये अमर उजाला न मिल पाये।

बेनामी ने कहा…

बधाई! उन्मुक्तजी की बात पर गौर करें।

Girish Billore Mukul ने कहा…

BADHAIYA HO JI

Girish Billore Mukul ने कहा…

SCAIN COPY DAL DEEJIE POST KE SATH